दिल जलाने की बात करते हो...
दिल जलाने की बात करते हो, आशियाने की बात करते हो... दिल जलाने की बात करते हो आशियाने की बात करते हो सारी दुनिया के रंज-ओ-ग़म दे कर मुस्कुराने की बात करते हो हम को अपनी ख़बर नहीं यारों तुम ज़माने की बात करते हो ज़िक्र मेरा सुना तो चिढ़ के कहा किस दीवाने की बात करते हो हादसा था गुज़र गया होगा किसके जाने की बात करते हो रस्म-ए-उल्फ़त, ख़ुलूस, तर्ज़-ए-वफ़ा किस ज़माने की बात करते हो शायर: जावेद कुरेशी Word Meanings: (रस्म-ए-उल्फ़त = प्रेम/ स्नेह की परम्परा), (ख़ुलूस = सरलता और निष्कपटता, सच्चाई, निष्ठां), (तर्ज़-ए-वफ़ा = वफ़ा की रीति/ ढंग) (रंज = कष्ट, दुःख, आघात, पीड़ा) Click here to listen this Ghazal (YouTube Link)