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Showing posts from September, 2019

ग़म

गर वो पूछ लें, कि किस बात का ग़म है, तो फिर किस बात का  ग़म है...

बिंदी

अभी उसके झुमके से दिल संभला ही था, कि बिंदी लगा ली उसने... और अब मेरे कमरे के आईने को उसकी उतारी हुई बिंदी का इंतजार है..🍂