ग़लतियों से जुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं..

ग़लतियों से जुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
दोनो इंसान हैं खुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
तू मुझे और मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नहीं मैं भी नहीं,
ग़लत फ़हमियों ने कर दी दोनो मैं पैदा दूरियाँ,वरना फितरत का बुरा तू भी नही, मैं भी नही....
चाहते दोनों बहुत एक दूसरे को हैं मगर,
ये हक़ीक़त है कि मानता तू भी नहीं मैं भी नहीं.....

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