Posts

Showing posts from August, 2014

आपको देखकर देखता रह गया..

आपको देखकर देखता रह गया क्या कहुं और कहने को क्या रह गया आते आते मेरा नाम सा रह गया उसके होठों पे कुछ काँपता रह गया वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया झुठ वाले कहीं से कहीं बढ गये और मैं था की सच बोलता रह गया उसके होठों पे कुछ काँपता रह गया आते आते मेरा नाम सा रह गया आपको देखकर देखता रह गया..........

जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती हैं हमे..

जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती हैं हमे, ये ज़मीं चाँद से बेहतर नजर आती हैं हमे.. सुर्ख फूलों से महक उठती हैं दिल की राहें, दिन ढले यूँ तेरी आवाज बुलाती हैं हमे.. याद तेरी कभी दस्तक, कभी सरगोशी से, रात के पिछले पहर रोज जगाती हैं हमे.. हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों हैं? हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों हैं?? अब तो हर वक़्त यही बात सताती हैं हमे!