इतना टूटा हूँ के..
इतना टूटा हूँ के छूने से बिखर जाऊँगा, अब अगर और दुआ दोगे तो मर जाऊँगा.. पूछकर मेरा पता वक्त रायदा न करो मैं तो बंजारा हूँ क्या जाने किधर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के... हर तरफ़ धुंध है, जुगनू है, न चराग कोई कौन पहचानेगा बस्ती में अगर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के... ज़िन्दगी मैं भी मुसाफिर हूँ तेरी कश्ती का तू जहाँ मुझसे कहेगी मैं उतर जाऊँग इतना टूटा हूँ के... फूल रह जायेंगे गुलदानों में यादों की नज़र मै तो खुशबु हूँ फिज़ाओं में बिखर जाऊँगा इतना टूटा हूँ के... Translation: रायदा: waste कश्ती: boat Source: To Listen Song, Click here! Lyrics By: मोईन नज़र Performed By: गुलाम अली