ज़िन्दगी शायद फिर से कही रास्ते मिला दे,
ज़िन्दगी शायद फिर से कही रास्ते मिला दे,
मगर एक बात साफ़ है, खो चुके हो तुम मूझे ....
कोई गिला नहीं मुझे, किताब - ए - तकदीर से,
पर जनता हूँ मैं, जो मिला मुझे मेरी तकदीर नहीं हो सकती थी ...
#self written
मगर एक बात साफ़ है, खो चुके हो तुम मूझे ....
कोई गिला नहीं मुझे, किताब - ए - तकदीर से,
पर जनता हूँ मैं, जो मिला मुझे मेरी तकदीर नहीं हो सकती थी ...
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