हमारी सांसों मैं आज तक वो...
Singer: Mehdi Hasan (Mere Huzur) 1968 हमारी सांसों मैं आज तक वो,हिना की खुश्बू महक रही है लबों पे नगमें मचल रहें हैं, नजर से मस्ती झलक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो ............. कभी जो थे प्यार के जमानत, वो हाथ हैं गैर की अमानत जो कसमें खाते थे चाहतों की, उन्ही की नियत बहक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. किसी से कोई गिला नहीं है, नसीब ही में वफ़ा नहीं है, जहाँ कहीं था हिना को खिलना, हिना वहीँ पर महक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. वो जिनकी खातिर गजल कही थी, वो जिनकी खातिर लिखे थे नगमें उन्ही के आगे सवाल बनकर गजल की झांझर झनक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. तड़फ मेरे बेक़रार दिल की कभी तो उनपे असर करेगी कभी तो वो भी जलेंगे इसमें जो आग दिल मैं दहक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. Click here to listen Song (Youtube Link)