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Showing posts from September, 2015

हमारी सांसों मैं आज तक वो...

 Singer: Mehdi Hasan (Mere Huzur) 1968 हमारी सांसों मैं आज तक वो,हिना की खुश्बू महक रही है लबों पे नगमें मचल रहें हैं, नजर से मस्ती झलक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो ............. कभी जो थे प्यार के जमानत, वो हाथ हैं गैर की अमानत जो कसमें खाते थे चाहतों की, उन्ही की नियत बहक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. किसी से कोई गिला नहीं है, नसीब ही में वफ़ा  नहीं है, जहाँ कहीं था हिना को खिलना, हिना वहीँ पर महक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. वो जिनकी खातिर गजल कही थी, वो जिनकी खातिर लिखे थे नगमें उन्ही के आगे सवाल बनकर गजल की झांझर झनक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. तड़फ मेरे बेक़रार दिल की कभी तो उनपे असर करेगी कभी तो वो भी जलेंगे इसमें जो आग दिल मैं दहक रही है हमारी सांसों मैं आज तक वो .............. Click here to listen Song (Youtube Link)  

वो इश्क जो हम से रूठ गया..

Singer:  Farida Khanum (1973) वो इश्क जो हम से रूठ गया अब उसका हाल बतायें क्या ) – २ कोई महर नहीं , कोई गहर नहीं फिर सच्चा   शेर सुनायें क्या वो इश्क जो हम से रूठ गया अब उसका हाल बतायें क्या कोई महर नहीं , कोई गहर नहीं फिर सच्चा   शेर सुनायें क्या वो इश्क जो हम से रूठ गया ( इक हिज्र जो हमको लाहक है ता देर उसे दोहरायें क्या ) – २ ( वो ज़हर जो दिल में उतार दिया फिर उसके नाज़ उठायें क्या ) – २ कोई महर नहीं कोई गहर नहीं फिर सच्चा शेर सुनायें क्या वो इश्क जो हम से रूठ गया अब उसका हाल बतायें क्या वो इश्क जो हम से रूठ गया ( इक आग गमे तन्हाई की जो सारे बदन में फ़ैल गई ) – २ ( जब जिस्म ही सारा जलता हो फिर दामन - ऐ दिल को बचायें क्या ) – २ कोई महर नहीं कोई गहर नहीं फिर सच्चा शेर सुनायें क्या वो इश्क जो हम से रूठ गया अब उसका हाल बतायें क्या वो इश्क जो हम से रूठ गया ( हम नगमा   स...

"One Step Closer"

"One Step Closer" I cannot take this anymore Saying everything I've said before All these words they make no sense I find bliss in ignorance Less I hear the less you'll say You'll find that out anyway Just like before... Everything you say to me Takes me one step closer to the edge And I'm about to break I need a little room to breathe Cause I'm one step closer to the edge I'm about to break I find the answers aren't so clear Wish I could find a way to disappear All these thoughts they make no sense I find bliss in ignorance Nothing seems to go away Over and over again Just like before... Everything you say to me Takes me one step closer to the edge And I'm about to break I need a little room to breathe Cause I'm one step closer to the edge And I'm about to break Shut up when I'm talking to you Shut up, shut up, shut up Shut up when I'm talking to you Shut up, shut up, shut up, shut up ...

तेरे खुशबू में बसे खत मैं जलाता कैसे..

तेरे खुशबू में बसे खत मैं जलाता कैसे, प्यार में डूबे हुए खत मैं जलाता कैसे.. तेरे हाथों के लिखे खत मैं जलाता कैसे.. जिनको दुनिया की निगाहों से छुपाए रखा जिनको इक उम्र कलेजे से लगाए रखा दीन जिनको, जिन्हे ईमान बनाए रखा तेरे खुशबू में बसे खत मैं जलाता कैसे.... जिनका हर लफ़्ज़ मुझे याद था पानी की तरह याद थे जो मुझको जो पैगामे ज़बानी की तरह मुझको प्यारे थे जो अनमोल निशानी की तरह तेरे हाथों के लिखे खत मैं जलाता कैसे... तूने दुनिया की निगाहों से जो बचकर लिखे सालहा साल मेरे नाम बराबर लिखे कभी दिन में तो कभी रात को उठकर लिखे तेरे खुशबू में बसे खत मैं जलाता कैसे.... प्यार में डूबे हुए खत मैं जलाता कैसे तेरे हाथों के लिखे खत मैं जलाता कैसे........ तेरे खत मैं आज गंगा में बहा आया हूं, आग बहते हुए पानी में लगा आया हूं..... Lyrics: राजेंद्र नाथ रहबर Singer: जगजीत सिंह  Movie: अर्थ (1982) Source: To Listen Song, Click here!

देखा जो आइना तो मुझे सोचना पड़ा..

देखा जो आइना तो मुझे सोचना पड़ा; खुद से ना मिल सका तो मुझे सोचना पड़ा.. इक दिन मेरे वो मेरे ऐब गिनाने लगा ‘फराग’ जब खुद ही थक गया तो मुझे सोचना पड़ा.. A day to remember/ a day to forget!!

देखो, तुम्हारे प्यार में क्या मुकाम पाया हमने..

किस कदर पुरनूर हूँ, तेरी नूर से उल्फत, न बेवफाई का डर है, न जुदाई का खौफ.. पुरनूर = रौशन ( Brighten ), नूर = प्रकाश (Light), उल्फत = मुहब्बत (Love) Author- Self.