हम बेखुदी में..

हम बेखुदी में तुम को पुकारे चले गये,
सागर में जिंदगी को उतारे चले गये...

देखा किये तुम्हे हम बन के दीवाना,
उतरा जो नशा तो, हमने ये जाना....
सारे वो जिंदगी के सहारे चले गये...

तुम तो ना कहो हम खुद ही से खेले,
डूबे नहीं हम ही यूँ, नशे में अकेले शीशे में आप को भी उतारे चले गये..

हम बेखुदी में..


गीतकार : मजरुह सुलतानपुरी, गायक : मोहम्मद रफी, संगीतकार : सचिनदेव बर्मन, चित्रपट : काला पानी - 1958

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