तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई...

रहने को सदा दहर में आता नहीं कोई

तुम जैसे गए ऐसे भी जाता नहीं कोई








(दहर = संसार, ज़माना, समय, युग)

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