घर खाली था...

तू भी कब मुझे मेरे मुताबिक दुख दे पाया,
किसने भरना था ये पैमाना अगर खाली था...


एक दुख ये कि तू मिलने नहीं आया मुझसे,
एक दुख ये है कि उस दिन मेरा घर खाली था...

 ~ तहज़ीब हाफ़ी

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