प्रणय ऋतु मगन है प्रिये;
इस हिस्से में क्यूँ हो ठहराव सा ।

इक #valentine ऐसा भी हो,
तू बर्फ़ के गोले की मानिंद पिघल रही हो;
मैं जलता रहूँ अलाव सा ।

✍🏻:Avi

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